28 साल की बुज्जी अपनी सास-ससुर और दो बेटियों के साथ रहती हैं. उन्होंने कभी स्मार्टफ़ोन नहीं इस्तेमाल किया था लेकिन उनका इरादा एक इंटरनेट साथी बन कर दूसरों की मदद करना है. उन्होंने Google से यह सीखा और आज हमारी बेहतरीन प्रशिक्षकों में से एक हैं. बुज्जी ने पड़ोस में रहने वाली नागलक्ष्मी को भी इंटरनेट इस्तेमाल करना सिखाया. सिलाई-कढ़ाई करने वाली नागलक्ष्मी इस ज्ञान का लाभ लेते हुए साड़ी-ब्लाउज़ की नई डिज़ाइनें ढूंढ निकालती हैं और सिलाई के बारीक काम सीखती हैं. नागलक्ष्मी साड़ियों के दाम ऑनलाइन पता करती हैं और अब अपनी बनाई हुई साड़ियों का उन्हें साड़ी का असली बाज़ार भाव पता चल गया है जिससे अब वह सिलाई-कढ़ाई पहले से तीन गुने दाम में बेचती हैं. इस अधिक पैसे से वह अपनी बेटियों को इलाके के सबसे अच्छे स्कूल में पढ़ाती हैं.
